Hindi Poems
Poems of MS. Roshni Chhabra

इश्क़ जाति देख के नहीं,
इश्क लिंग जान के नहीं,
इश्क किसी पद का मोहताज नहीं,
इश्क बस बेबाक होता है.....
क्योंकि इश्क तो पाक होता है।

इश्क करने के लिए –किसी झील सी आँखों वाली की गरज नहीं।
न ही गरज है रेशमी बाल, होठों की लाली या पायल की धमक की।
इश्क की सुंदरता तो बस इश्क का एहसास होता है......
क्योंकि इश्क तो पाक होता है।

जो छिप के किया जाए वो इहक नहीं,चोरी है।
जो डर के जताया जाए वो इश्क नही, कमजोरी है।
कहते है इश्क अंधा होता है, तो इश्क एक अंधे को थामे रखने वाली डोरी है।
इश्क के ज़िक्र मात्र से इश्क करने वाले को नाज़ होता है.....
क्योंकि इश्क तो पाक होता है।

इश्क कुछ पाने का साधन नहीं,इश्क बहुत कुछ देने का नाम है।
गर इश्क में त्याग नहीं तो वो इश्क नहीं इश्क का मज़ाक है।
इश्क तलाशने की कोशिश न कर मुसाफिर, इश्क तो अपने-आप होता है......
क्योंकि इश्क तो पाक होता है।